मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग, प्रवेश नियम एवं आदेश - माधव विधि महाविद्यालय

मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश एवं अनुशासन सम्बंधी नियम

आचार-संहिता (आचरण संहिता)

  • प्रत्येक विध्यार्थी-प्राचार्य,शिक्षकों,कर्मचारियों और अपने सहपाठियों से शालीन एवं विनम्र व्यव्हार करेंगे.
  • प्रत्येक विध्यार्थी अपना पूरा ध्यान महाविद्यालय द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अन्तर्गत अपने विद्या अध्ययन में लगायेंगे साथ ही महाविद्यालय द्वारा आयोजित/अनुमोदित गैर शैक्षणिक कार्यक्रमों में पूर्णत: सहयोग करेंगे.
  • महाविद्यालय अर्थात भवन, पुस्तकालय आदि में शांति, सुरक्षा और स्वछता बनाये रखने में प्रत्येक विध्यार्थी रूचि लेंगे. महाविद्यालय की सम्पत्ति अर्थात,भवन सज-सज्जा,विद्युत् व्यवस्था,उपकरण आदि को किसी भी रूप में क्षति नहीं पहुचायेगे..
  • विध्यार्थी अपनी समस्या के समाधान के लिए हिंसा,आन्दोलन या आतंक का मार्ग नहीं अपनाएंगे महाविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार की राजनैतिक गतिविधियाँ संचालित करना वर्जित है.
  • विद्यार्थियों को यदि कोई कठनाई हो तो वे प्राध्यापकों अथवा अति आवश्यक होने पर प्राचार्य के समक्ष पूर्ण अनुशासन से शांतिपूर्वक अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकते है.महाविद्यालय द्वारा नियुक्त शिक्षक-अभिभावक से सम्पूर्ण करे किन्तु बाहरी तत्वों,समाचार पत्रों को माध्यम न बनाये.
  • विध्यार्थी को यह सावधानी रखनी होंगी की किसी अनैतिक या गंभीर अपराध का अभियोग उन पर न लगे परन्तु यदि ऐसा हुआ तो उनके विरुध्द कार्यवाही की जायेंगी. परीक्षा में अनुसूचित साधनों का प्रयोग करने या करने का प्रयास करना या सहायक होना दुराचरण माना जायेंगा एवं उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी.
  • महाविद्यालय एवं छात्रावास की सीमाओं में धुम्रपान,किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ का सेवन सर्वथा वर्जित है.
  • महाविद्यालय परिसर में किसी प्रकार का शस्त्र लाना पूर्णत:प्रतिबंधित है.
Feature

रैंगिंग: माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश दिनांक २७.११.०६ संदर्भ एस.एस.पी.२४९५/०६ केरल विश्वविध्यालय विरुध्द महाविद्यालय प्राचार्यों की परिषद् तथा एस.एल.पी.क्र.२४२९६-२४२९९/२००४, डब्ल्यू.पी.(सी.आर.सी.) नं.१७३/२००६ तथा एस.एल.पी.क्र.१४३५६/२००५ के अनुसार रैंगिंग एक दण्डनीय अपराध है. महाविद्यालय या छात्रावास परिसर में या अन्यत्र कही भी रैंगिंग लेना पूर्णत: प्रतिबंधित है. रैंगिंग के लिए दोषी विध्यार्थी को महाविद्यालय से निशाकसित किया जाकर उससे विरुध्द कठोर निषेधात्मक वैध्यानिक कारवाही की जायेंगी.वरिष्ठ विध्यार्थी इसका स्वयं अनुपालन करें और परिपालन करने का विशेष ध्यान रखें.
दण्ड:मध्यप्रदेश विश्वविध्यालय अधिनियम,१९७३ के अधीन बनाये गये अध्यादेश क्र.७ की धरा १३ के अनुसार महाविद्यालय परिसर या बाहर अनुशासन भंग किये जाने पर दोषी विध्यार्थी के विरूद्ध निम्मानुसार दण्ड का प्रावधान है:-

१. कक्षाओं से निलंबन
२. महाविद्यालय से निष्कासन
३. वि.वि./स्वशासी परीक्षा में सम्मिलित होने से रोकना.

आवश्यक सूचनायें:

  • महाविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में सेमेस्टर पद्धति लागु है.
  • आवेदक एवं उनके अभिभावक से अपेक्षा है की विवरणिका को पूर्णत:पढ़ ले. विध्यार्थी अपना प्रवेश आवेदन फार्म स्वयं भरें एवं महाविद्यालय में स्वयं आकर जमा करें.
  • विध्यार्थी अपना प्रवेश शुल्क स्वयं जमा करे तथा प्रवेश की मूल रसीद प्राप्त करें व् इसे सावधानीपूर्वक सम्हालकर रखें तथा मांगे जाने पर प्रस्तुत करें.
  • प्रवेश आवेदन फार्म के साथ अपनी अंकसूचियाँ एवं अन्य समस्त आवश्यक प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियां अनिवार्य रूप से संलग्न करें.प्रवेश के समय अंकसूचियों तथा प्रमाण-पत्रों की मूल प्रतियाँ सत्यापन हेतु प्रस्तुत करें.आवेदन-पत्र के साथ संलग्न किये गये प्रमाण –पत्रों के आधार पर प्रवेश अधिभार प्रदान किया जायेगा.
  • महाविद्यालय में प्रवेश संबंधी समस्त नियम व् सूचनाएं समय-समय पर सूचना पटल पर चस्पा की जायेंगी. नियमित रूप से सूचनाओं का अवलोकन करते रहें एवं प्रवेश की अंतिम तिथि का विशेष ध्यान रखें.

A) आवेदन की समस्त पूर्तियां की जाना अनिवार्य है. अपूर्ण आवेदन पर विचार नहीं किया जावेगा.

B) परीक्षा परिणाम अघोषित होने की स्तिथि में प्राविधिक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा .

  • निर्धारित तिथि के बाद प्रवेश किसी भी दशा में संभव नहीं होगा. कूटरचित (जाली) प्रमाण-पत्रों के आधार पर गलत जानकारी देने पर,जानबूझकर छिपायें गये प्रतिकूल तथ्यों/प्रशासकीय अथवा कार्यालयीन असावधानीवश यदि किसी आवेदक को प्रवेश मिल गया है तब ऐसे प्रवेश को निरस्त करने का पूर्ण अधिकार प्राचार्य को होगा.
  • प्रवेश को लेकर बिना किसी समुचित कारन,पूर्व अनुमति या सूचना के नीना कक्षा में लगातार १५ दिवस तक अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त करने का पूर्ण अधिकार प्राचार्य को होगा.प्रवेश के बाद सत्र के दौरान विध्यार्थी द्वारा महाविद्यालय छोड़ देने अथवा उसका प्रवेश निरस्त होने अथवा उसका निष्कासन किये जाने की स्थिति में विध्यार्थी को अवधान (कॉशन मनी) के अतिरिक्त अन्य कोई शुल्क वापिस नहीं किया जायेंगा.तकनिकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश हो जाने पर विध्यार्थी को मात्र रुपये १००/- प्रक्रिया शुल्क काटकर जमा की गयी सम्पूर्ण शुल्क की राशि वापिस की जायेंगी. प्राविधिक प्रवेश प्राप्त विध्यार्थी अनुत्तीर्ण घोषित होने पर रुपये १००/- प्रक्रिया शुल्क काटकर शेष राशि वापिस कर दी जायेगी.
  • कक्षा में मोबाईल फ्हों का उपयोग पूर्णत:प्रतिबंधित है प्रयोग करने पर मोबाईल फ्हों जब्त कर लिया जायेंगा और आर्थिक दण्ड (जुर्माना) के लिए प्राचार्य अधिकृत है. इसकी पुनरावृत्ति होने पर दण्ड राशि उत्तरोत्तर बाधा दिजाएगी और मोबाईल फ्हों स्थायी रूप से जप्त कर लिया जायेगा.
  • कक्षाओं में विध्यार्थी की ७५ प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है.
  • महाविद्यालय में रैंगिंग पूर्णत:प्रतिबंधित है.विध्यार्थी को स्वयं अथवा अपने अभिभावक द्वारा अपने पाल्य के रैंगिंग गतिविधियों में शामिल नहीं होने का वचन पत्र देना अनिवार्य होगा.
  • रैंगिंग में लिप्त विध्यार्थी के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही,महाविद्यालय और छात्रावास से निष्कासन, छात्रवृत्ति तथा अन्य प्रदत्त लाभ वापस लेने की कार्यवाही के आलावा अर्थदण्ड और सार्वजानिक क्षमा-याचना का भी प्रावधान रहेंगा.

सेमेस्टर पद्धति (परिचय)

शासन द्वारा सत्र २००८-०९ से महाविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर पुर्वाध्द कक्षा में सत्रीय पद्धति लागु की गयी है.इसके अन्तर्गत प्रत्येक छ:माह पश्चात् सत्रीय परीक्षाएं आयोजित होगी.प्रत्येक सेमेस्टर की मुख्य परीक्षायों हेतु विध्यार्थी को परीक्षा शुल्क के साथ परीक्षा फार्म भरने होगे.इन परीक्षाओं में जो विध्यार्थी दो विषयों (स्नातक) / दो प्रश्न –पत्रों (स्नातकोत्तर) में न्यूनतम उत्तीर्णाक प्राप्त नहीं कर पते है,उन्हें ए.टी.के.टी. प्राप्त होती है. ए.टी.के.टी. प्राप्त विषयों/प्रश्नों हेतु परीक्षा आवेदन पत्र शुल्क अलग से जमा करना होगा.इस पद्धति में.विध्यार्थी को सतत मूल्यांकन प्रक्रिया,प्रोजेक्ट वर्क,जॉब इंटरशिप के लिए अंको का निर्धारण किया गया है. परीक्षा के कुल प्रान्ताकों में उपरोक्त के लिए निर्धारित अंको को जोड़ा जायेगा.

प्रवेश के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र:-

महाविद्यालय में प्रथम बार प्रवेश ले रहे विध्यार्थी अपने आवेदन फार्म के साथ निम्मलिखित दस्तावेज अनिवार्य रूप से सलंग्न करें:-

  • स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टी.सी) की सत्यापित प्रति.प्रवेश मिलाने पर मूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र टी.सी. जमा करना अनिवार्य होगा.
  • विगत परीक्षा की सत्यापित प्रति
  • मूल निवासी प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति
  • चरित्र प्रमाण-पत्र
  • अनुसूचित जाती/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग (क्रीमीलेयर को छोड़कर) के आवेदकों को जाती प्रमाण-पत्र सलग्न करना अनिवार्य होगा.
  • विकलांग/नि:शक्तजन तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का सक्षम अधिकारी का प्रमाण-पत्र.
  • अध्ययन क्रम में अंतराल होने पर प्रमाण पत्र (गैप सर्टिफिकेट)
  • रक्त समूह प्रमाण पत्र
  • आब्रजन/प्रब्रजन प्रमाण पत्र (माईग्रेशन सर्टिफिकेट)- (यदि आवेदक सी.बी.एस.ई.पाठ्यक्रम/म.प्र.माध्यमिक शिक्षा मंडल या म.प्र के विश्वविद्यालयों के अतिरिक्त अन्य किसी मंडल या विश्वविध्यालय का हो)
  • जन्म प्रमाण पत्र अथवा १० वि कक्षा की सत्यापित अंकसूची (जन्मतिथि के प्रमाणीकरण हेतु)
  • यदि स्थानांतरण के आधार पर प्रवेश लेना हो तो माता/पिता पालक का, कार्यालय में पदस्थ होने का प्रमाण-पत्र तथा स्थानांतरण आदेश की छायाप्रति (केवल शासकीय,अर्द्धशासकीय कर्मचारियों हेतु)

परिचय पत्र:

परिचय पत्र प्रत्येक को दिया जावेगा.प्रत्येक विध्यार्थी के लिए पासपोर्ट आकार का फोटो लगा परिचय पत्र बनवाना एवं महाविद्यालय में प्रतिदिन लाना अनिवार्य है.परिचय पत्र के अभाव में-पुस्तकालय में पुस्तकें, स्थानांतरण प्रमाण पत्र,कॉशनमणि नहीं मिलेंगी.महाविद्यालय के समारोहों/कार्यक्रमों में परिचय पत्र के बिना प्रवेश नहीं मिल सकेंगा.यह एक महत्वपूर्ण अभिलेख है.इसके खो जाने पर इसकी सूचना तुरंत महाविद्यालय एवं निकटवर्ती पुलिस थाना में देनी चाहियें. पुलिस थाने में की गई रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न करने पर ही डूब्लिकेट परिचय पत्र बनाया जा सकेगा.

स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टी.सी) प्राप्त करने के नियम:

स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए प्रत्येक विध्यार्थी को सम्बंधित विभागों से अदेय (नो-ड्यूज) प्रमाण पत्र संलग्न कर कार्यालय में जमा करना होगा.

महिला उत्पीडन उन्मूलन प्रकोष्ठ :

किसी भी प्रकार से पीड़ित होने पर प्रकोष्ठ छात्राओं की समस्थ्याओं का निदान कराती है इसकी जानकारी भी महाविद्यालय में लगे बोर्ड पर अंकित की गई है. महाविद्यालय में इसके लिए एक शिकायत पेटी भी लगी हुई है.
-*-*-*-

मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग

कार्यालय आयुक्त,उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा आदेशित मध्यप्रदेश के शासकीय / अशासकीय महाविद्यालयों की स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के लिए प्रवेश नियम एवं मार्गदर्शक सिध्दांत (२०१४-१५)

आदेश क्र. :२२०/८३/आऊशि/शाखा-5 अ/२०१४ भोपाल,आदेश दिनांक २५ अप्रैल २०१४

प्रवेश की पात्रता:(आदेश की कंडिका 5 के अनुसार)

५.१ निवासी एवं अर्हकारी परीक्षा :

(क) मध्यप्रदेश के मूल/स्थायी,मध्यप्रदेश में स्थायी सम्पत्तिधारी निवासी,राज्य या केंद्र सर्कार के शासकीय सेवा,राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यावसायिक संगठनों के कर्मचारी जिनका पंदाकन मध्यप्रदेश में हो,उनके पाल्यों एवं जम्मू कश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों/भूटान के विद्याथियों को महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी. उपरोक्तानुसार प्रदेश के पश्चात् रिक्त होने की दशा में अन्य स्थानों के बोर्ड एवं अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को नियमानुसार गुणानुक्रम के अधर पर प्रवेश दिया जा सकेगा.
(ख) सम्बंधित विश्वविद्यालय या उस विश्वविध्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विध्यालयों/महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की पात्रता होगी.
(ग) जम्मू कश्मीर के विस्थापितों एवं उनके पाल्य/पाल्या के लिए निम्म प्रावधान लागु होंगे:
१. प्रवेश की अंतिम तिथि में अधिकतम ३० दिन की छुट.
२. नतम प्रवेश प्राप्तांकों के अधिक्तन१० प्रतिशत की छुट,अगर आवेदक पात्रता की अन्य शर्ते पूरी करता हो.
३. उपलब्ध स्थानों में पाठ्यक्रम 5 प्रतिशत की वृद्धी.
४. मूल निवासी होने की अनिवार्यता से पूर्ण छुट.
५. द्वितीय और आने वाले वर्षो. ्रजन की सुविधा.
६. तकनिकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मैरिट के आधार पर एक प्रतिशत का आरक्षण .

५.२ विधि संकाय में नियमित प्रवेश :

विधि संकाय (स्नातक) में प्रवेश बी.सी.आई.के नियमानुसार ही दिया जायेगा.
विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से ही होंगे.विधि महाविद्यालयों को उनके यहाँ संचालित विधि पाठ्यक्रमों,उनकी सीट संख्या,शुल्क आदि की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करना होगी एवं इन पाठ्यक्रमों का सत्यापन सम्बन्धित मैपिंग महाविद्यालय से निर्धारित तिथि तक करवाना होगा.
विधि त्रिवर्षीय एवं पंचवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बी.सी.आई.द्वारा निर्धारित अर्हकारी परीक्षा में ४५ प्रतिशत अंक होना आवश्यक है.अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 5 प्रतिशत अंको की छुट होगी.
इसी प्रकार विधि स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु विधि स्नातक परीक्षा में ५५ प्रतिशत अंक होना आवश्यक है. अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को ५ प्रतिशत अंको की छुट रहेगी.