आचार-संहिता (आचरण संहिता)
रैंगिंग: माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश दिनांक २७.११.०६ संदर्भ एस.एस.पी.२४९५/०६ केरल विश्वविध्यालय विरुध्द महाविद्यालय प्राचार्यों की परिषद् तथा एस.एल.पी.क्र.२४२९६-२४२९९/२००४, डब्ल्यू.पी.(सी.आर.सी.) नं.१७३/२००६ तथा एस.एल.पी.क्र.१४३५६/२००५ के अनुसार रैंगिंग एक दण्डनीय अपराध है. महाविद्यालय या छात्रावास परिसर में या अन्यत्र कही भी रैंगिंग लेना पूर्णत: प्रतिबंधित है. रैंगिंग के लिए दोषी विध्यार्थी को महाविद्यालय से निशाकसित किया जाकर उससे विरुध्द कठोर निषेधात्मक वैध्यानिक कारवाही की जायेंगी.वरिष्ठ विध्यार्थी इसका स्वयं अनुपालन करें और परिपालन करने का विशेष ध्यान रखें.
दण्ड:मध्यप्रदेश विश्वविध्यालय अधिनियम,१९७३ के अधीन बनाये गये अध्यादेश क्र.७ की धरा १३ के अनुसार महाविद्यालय परिसर या बाहर अनुशासन भंग किये जाने पर दोषी विध्यार्थी के विरूद्ध निम्मानुसार दण्ड का प्रावधान है:-
१. कक्षाओं से निलंबन
२. महाविद्यालय से निष्कासन
३. वि.वि./स्वशासी परीक्षा में सम्मिलित होने से रोकना.
आवश्यक सूचनायें:
A) आवेदन की समस्त पूर्तियां की जाना अनिवार्य है. अपूर्ण आवेदन पर विचार नहीं किया जावेगा.
B) परीक्षा परिणाम अघोषित होने की स्तिथि में प्राविधिक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा .
सेमेस्टर पद्धति (परिचय)
शासन द्वारा सत्र २००८-०९ से महाविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर पुर्वाध्द कक्षा में सत्रीय पद्धति लागु की गयी है.इसके अन्तर्गत प्रत्येक छ:माह पश्चात् सत्रीय परीक्षाएं आयोजित होगी.प्रत्येक सेमेस्टर की मुख्य परीक्षायों हेतु विध्यार्थी को परीक्षा शुल्क के साथ परीक्षा फार्म भरने होगे.इन परीक्षाओं में जो विध्यार्थी दो विषयों (स्नातक) / दो प्रश्न –पत्रों (स्नातकोत्तर) में न्यूनतम उत्तीर्णाक प्राप्त नहीं कर पते है,उन्हें ए.टी.के.टी. प्राप्त होती है. ए.टी.के.टी. प्राप्त विषयों/प्रश्नों हेतु परीक्षा आवेदन पत्र शुल्क अलग से जमा करना होगा.इस पद्धति में.विध्यार्थी को सतत मूल्यांकन प्रक्रिया,प्रोजेक्ट वर्क,जॉब इंटरशिप के लिए अंको का निर्धारण किया गया है. परीक्षा के कुल प्रान्ताकों में उपरोक्त के लिए निर्धारित अंको को जोड़ा जायेगा.
प्रवेश के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र:-
महाविद्यालय में प्रथम बार प्रवेश ले रहे विध्यार्थी अपने आवेदन फार्म के साथ निम्मलिखित दस्तावेज अनिवार्य रूप से सलंग्न करें:-
परिचय पत्र:
परिचय पत्र प्रत्येक को दिया जावेगा.प्रत्येक विध्यार्थी के लिए पासपोर्ट आकार का फोटो लगा परिचय पत्र बनवाना एवं महाविद्यालय में प्रतिदिन लाना अनिवार्य है.परिचय पत्र के अभाव में-पुस्तकालय में पुस्तकें, स्थानांतरण प्रमाण पत्र,कॉशनमणि नहीं मिलेंगी.महाविद्यालय के समारोहों/कार्यक्रमों में परिचय पत्र के बिना प्रवेश नहीं मिल सकेंगा.यह एक महत्वपूर्ण अभिलेख है.इसके खो जाने पर इसकी सूचना तुरंत महाविद्यालय एवं निकटवर्ती पुलिस थाना में देनी चाहियें. पुलिस थाने में की गई रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न करने पर ही डूब्लिकेट परिचय पत्र बनाया जा सकेगा.
स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टी.सी) प्राप्त करने के नियम:
स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए प्रत्येक विध्यार्थी को सम्बंधित विभागों से अदेय (नो-ड्यूज) प्रमाण पत्र संलग्न कर कार्यालय में जमा करना होगा.
महिला उत्पीडन उन्मूलन प्रकोष्ठ :
किसी भी प्रकार से पीड़ित होने पर प्रकोष्ठ छात्राओं की समस्थ्याओं का निदान कराती है इसकी जानकारी भी महाविद्यालय में लगे बोर्ड पर अंकित की गई है. महाविद्यालय में इसके लिए एक शिकायत पेटी भी लगी हुई है.
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कार्यालय आयुक्त,उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा आदेशित मध्यप्रदेश के शासकीय / अशासकीय महाविद्यालयों की स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के लिए प्रवेश नियम एवं मार्गदर्शक सिध्दांत (२०१४-१५)
आदेश क्र. :२२०/८३/आऊशि/शाखा-5 अ/२०१४ भोपाल,आदेश दिनांक २५ अप्रैल २०१४
प्रवेश की पात्रता:(आदेश की कंडिका 5 के अनुसार)
५.१ निवासी एवं अर्हकारी परीक्षा :
(क) मध्यप्रदेश के मूल/स्थायी,मध्यप्रदेश में स्थायी सम्पत्तिधारी निवासी,राज्य या केंद्र सर्कार के शासकीय सेवा,राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यावसायिक संगठनों के कर्मचारी जिनका पंदाकन मध्यप्रदेश में हो,उनके पाल्यों एवं जम्मू कश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों/भूटान के विद्याथियों को महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी. उपरोक्तानुसार प्रदेश के पश्चात् रिक्त होने की दशा में अन्य स्थानों के बोर्ड एवं अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को नियमानुसार गुणानुक्रम के अधर पर प्रवेश दिया जा सकेगा.
(ख) सम्बंधित विश्वविद्यालय या उस विश्वविध्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विध्यालयों/महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की पात्रता होगी.
(ग) जम्मू कश्मीर के विस्थापितों एवं उनके पाल्य/पाल्या के लिए निम्म प्रावधान लागु होंगे:
१. प्रवेश की अंतिम तिथि में अधिकतम ३० दिन की छुट.
२. नतम प्रवेश प्राप्तांकों के अधिक्तन१० प्रतिशत की छुट,अगर आवेदक पात्रता की अन्य शर्ते पूरी करता हो.
३. उपलब्ध स्थानों में पाठ्यक्रम 5 प्रतिशत की वृद्धी.
४. मूल निवासी होने की अनिवार्यता से पूर्ण छुट.
५. द्वितीय और आने वाले वर्षो. ्रजन की सुविधा.
६. तकनिकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मैरिट के आधार पर एक प्रतिशत का आरक्षण .
५.२ विधि संकाय में नियमित प्रवेश :
विधि संकाय (स्नातक) में प्रवेश बी.सी.आई.के नियमानुसार ही दिया जायेगा.
विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से ही होंगे.विधि महाविद्यालयों को उनके यहाँ संचालित विधि पाठ्यक्रमों,उनकी सीट संख्या,शुल्क आदि की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करना होगी एवं इन पाठ्यक्रमों का सत्यापन सम्बन्धित मैपिंग महाविद्यालय से निर्धारित तिथि तक करवाना होगा.
विधि त्रिवर्षीय एवं पंचवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बी.सी.आई.द्वारा निर्धारित अर्हकारी परीक्षा में ४५ प्रतिशत अंक होना आवश्यक है.अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 5 प्रतिशत अंको की छुट होगी.
इसी प्रकार विधि स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु विधि स्नातक परीक्षा में ५५ प्रतिशत अंक होना आवश्यक है. अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को ५ प्रतिशत अंको की छुट रहेगी.
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